यदि किसी User को किसी Applet की जरूरत है और वह Applet उसके Computer पर उपलब्ध नहीं है, तो वह User उस Applet को किसी Remote Computer से प्राप्त करके Use कर सकता है। उसे ये जानने की जरूरत नहीं होती है कि वह Applet किस Remote Computer पर स्थित है या किस तरह से बना है। एक तरह से देखा जाए तो एक User Internet द्वारा पूरी दुनियां के Computers से जुड जाता है और जिस प्रकार की सूचना चाहे उस तरह की सूचना को Internet से Applet के रूप में प्राप्त कर सकता है।
Information Technology (I.T.) की भाषा में कहें तो जिस Computer से User को सूचनाएं Applet या Web Pages के रूप में प्राप्त होती हैं, उस Remote Computer को Server कहते हैं और User का Local Computer जो कि Applet या Web Pages द्वारा किसी प्रकार की Information को Server से प्राप्त करना चाहता है, उसे Client कहते हैं। इस तरह से एक Local Computer के Browser व एक Remote Computer से आने वाले Applet की Information के बीच में Client/Server की Relationship बन जाती है। इस स्थिति में Client वह होता है, जो Web Page के HTML Documents को अपने Local Computer पर Download करता है, जबकि Server वह होता है, जो Web Pages को Client के Computer पर Upload करता है।
User का Computer हमेंशा Client नहीं होता है और Remote Computer हमेंशा Server नहीं होता है। कब कौनसा Computer Client होगा और कब कौनसा Computer Server होगा, ये इस बात पर निर्भर होता है कि किसी समय कौनसा Computer किस तरह का काम कर रहा है।
उदाहरण के लिए जब एक User किसी Web Site का Address अपने Browser में Fill करके Internet से उस Web Page को देखना चाहता है, उस समय वह Web Page जिस Computer पर होता है, वह Remote Computer Server होता है और User का Local Computer Client होता है। लेकिन जैसे ही Web Page User के Computer में Download हो जाता है और User किसी अन्य Web Page को Search करने के लिए किसी Search Engine में कुछ Texts Input करता है, वैसे ही User का Computer Server बन जाता है और File को Search करने वाला Program Client बन जाता है।
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